तुकाराम भाऊराव साठे ऊर्फ
अण्णा भाऊ साठे (
ऑगस्ट १,
इ.स. १९२० -
जुलै १८,
इ.स. १९६९) हे
मराठी
लेखक व समाजसुधारक होते. वर्गविग्रहाचे तत्त्वज्ञान सर्वसामान्य
जनांपर्यंत पोहोचविणारा, महाराष्ट्राच्या ग्रामीण मातीतील बोली आणि कलांचा
संस्कार घेऊन आलेला सिद्धहस्त कादंबरीकार, लोकनाट्यकार म्हणून त्यांची
प्रतिमा आहे. ग्रामीण ढंगातील रांगड्या तमाशाला 'लोकनाट्य` हे बिरुद शाहीर
अण्णाभाऊ साठे यांनी दिले
[ संदर्भ हवा ]. अण्णा भाऊंनी
संयुक्त महाराष्ट्राच्या चळवळीत लोकनाट्यांद्वारे जनजागृतीसाठी प्रयत्न केले.
जीवन
ऑगस्ट १,
इ.स. १९२० रोजी सध्याच्या
सांगली जिल्ह्यातील वाळवा तालुक्यातील वाटेगाव या गावी
मांग कुटुंबात झाला. त्यांच्या वडिलांचे नाव भाऊराव व आईचे नाव वालुबाई होते. या दांपत्याने जन्मलेल्या मुलाचे नाव
तुकाराम ठेवले असले तरीही सर्वजण प्रेमाने त्याला अण्णा म्हणत.
कार्य
अण्णा भाऊ साठे हे
लावण्या, शाहिरी काव्ये,
पोवाडा या लोककलांमध्ये तरबेज होते.
मराठीभाषिक स्वतंत्र
महाराष्ट्र राज्याच्या निर्मितीकरता इ.स. १९५० च्या दशकात चाललेल्या
संयुक्त महाराष्ट्र चळवळीत
त्यांनी लोककलेच्या माध्यमातून लोकप्रबोधन घडवून आणले.अण्णा भाऊ साठे
यांची वगनाट्येही अत्यंत महत्त्वाची आहेत. या वगनाटयांसाठी अण्णा भाऊंनी
तमाशा
या महाराष्ट्रातील पारंपरिक लोककलेचा आकृतिबंध स्वीकारला. तमाशाच्या
पारंपरिक सादरीकरणातील गण, गवळण, बतावणी आणि वग या घटकांपैकी गण, काही
प्रमाणात बतावणी आणि वगनाटय हे तीन घटकच अण्णा भाऊंनी स्वीकारले. असे असले
तरी तमाशाच्या पारंपरिक आकृतिबंधात अण्णा भाऊंनी वगनाटयाच्या रूपाने पुष्कळ
बदल घडवून आणले.
अकलेची गोष्ट,
शेटजींचे इलेक्षन,
बेकायदेशीर,
माझी मुंबई अर्थात मुंबई कोणाची?,
मूक मिरवणूक,
लोकमंत्र्यांचा दौरा,
खापऱ्या चोर,
बिलंदर बडवे यांसारखी वगनाटये अण्णा भाऊंनी संयुक्त महाराष्ट्राच्या आंदोलनाची पायाभरणी करण्यासाठी लिहिली. त्यांतील
गरुडाला पंख, वाघाला नखं तशी ही (मुंबई) मराठी मुलुखाला हे कवन संयुक्त महाराष्ट्राच्या चळवळीत विलक्षण गाजले.
अण्णा भाऊ साठे यांनी लिहिलेली प्रसिद्ध छक्कड(लावणीचा एक प्रकार) म्हणजे
‘माझी मैना गावाकडं राह्यली’. या एका काव्यरचनेमुळे अण्णा भाऊ साठे यांचे नाव मराठी साहित्यात अविस्मरणीय असेल.
कारकीर्द
कादंबरीवर आधारित चित्रपट
प्रकाशित साहित्य
कादंबऱ्या
| १ |
अग्निदिव्य |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| २ |
अलगूज |
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| ३ |
अहंकार |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| ४ |
आग |
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विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| ५ |
आघात |
|
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| ६ |
आवडी |
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| ७ |
केवड्याचे कणीस |
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| ८ |
कुरूप |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| ९ |
गुलाम |
|
चंद्रकांत शेट्ये, कोल्हापूर |
| १० |
चंदन |
|
चंद्रकांत शेट्ये, कोल्हापूर |
| ११ |
चिखलातील कमळ |
|
चंद्रकांत शेट्ये, कोल्हापूर |
| १२ |
चित्रा |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| १३ |
जिवंत काडतूस |
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| १४ |
ठासलेल्या बंदुका |
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| १५ |
डोळे मोडीत राधा चाले |
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| १६ |
तास |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| १७ |
धुंद रानफुलाचा |
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| १८ |
पाझर |
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|
| १९ |
फकिरा |
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| २० |
फुलपाखरू |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| २१ |
मंगला |
|
चंद्रकांत शेट्ये, कोल्हापूर |
| २२ |
मथुरा |
|
चंद्रकांत शेट्ये, कोल्हापूर |
| २३ |
माकडीचा माळ |
|
|
| २४ |
मास्तर |
|
चंद्रकांत शेट्ये, कोल्हापूर |
| २५ |
मूर्ती |
|
चंद्रकांत शेट्ये, कोल्हापूर |
| २६ |
रत्ना |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| २७ |
रानगंगा |
|
|
| २८ |
रानबोका |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| २९ |
रूपा |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| ३० |
वारणेचा वाघ |
|
|
| ३१ |
वारणेच्या खोऱ्यात |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| ३२ |
वैजयंता |
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| ३३ |
वैर |
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| ३४ |
संघर्ष |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| ३५ |
सैरसोबत |
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कथासंग्रह
| १ |
आबी |
दुसरी आवृत्ती |
|
| २ |
कृष्णाकाठच्या कथा |
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| ३ |
खुळंवाडी |
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| ४ |
गजाआड |
पाचवी आवृत्ती |
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| ५ |
गुऱ्हाळ |
|
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| ६ |
चिरानगरची भुतं |
प्रथम आवृत्ती |
|
| ७ |
नवती |
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|
| ८ |
निखारा |
|
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| ९ |
पिसाळलेला माणूस |
|
|
| ७ |
फरारी |
|
|
| १० |
बरबाद्या कंजारी |
प्रथम आवृत्ती |
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| ११ |
भानामती |
|
|
| १२ |
लाडी |
दुसरी आवृत्ती |
|
नाटके
| १ |
इनामदार |
प्रथम आवृत्ती, मे १९५८ |
चंद्रकांत शेट्ये, कोल्हापूर -२ |
| २ |
पेंग्याचं लगीन |
|
|
| ३ |
सुलतान |
|
|
शाहिरी
| १ |
शाहीर |
दुसरी आवृत्ती १९८५ |
मनोविकास प्रकाशन, मुंबई |
तमाशा
| १ |
अकलेची गोष्ट |
|
चंद्रकांत शेट्ये, कोल्हापूर |
| २ |
कलंत्री |
|
|
| ३ |
खापऱ्या चोर |
|
|
| ४ |
दुष्काळात तेरावा |
|
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| ५ |
देशभक्त घोटाळे |
|
विद्यार्थिगृह प्रकाशन, पुणे |
| ६ |
निवडणुकीतील घोटाळे |
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|
| ७ |
पुढारी मिळाला |
|
|
| ८ |
पेंग्याचं लगीन |
|
|
| ९ |
बिलंदर बुडवे |
|
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| १० |
बेकायदेशीर |
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|
| ११ |
माझी मुंबई |
|
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| १२ |
मूक मिरवणूक् |
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| १३ |
लोकमंत्र्यांचा दोरा |
|
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| १४ |
शेटजीचं इलेक्शन |
|
|
प्रवासवर्णने
| १ |
माझा रशियाचा प्रवास |
|
सुरेश एजन्सीज ,पुणे |
प्रसिद्ध पोवाडे
| १ |
नानकीन नगरापुढे |
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| २ |
स्टलिनग्राडचा पोवाडा |
|
|
| ३ |
बर्लिनचा पोवाडा |
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| ४ |
बंगालची हाक |
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| ५ |
पंजाब-दिल्लीचा दंगा |
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|
| ६ |
तेलंगणाचा संग्राम |
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| ७ |
महाराष्ट्राची परंपरा |
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| ८ |
अंमळनेरचे अमर हुतात्मे |
|
|
| ९ |
मुंबईचा कामगार |
|
|
| १० |
काळ्या बाजाराचा पोवाडा |
|
|
साहित्य संमेलने
अण्णा भाऊ साठे साहित्य संमेलन
आणि अशाच विविध नावाची अनेक साहित्य संमेलने महाराष्ट्रात भरत असतात.
याशिवाय अण्णा भाऊ साठे सांस्कृतिक महोत्सवही भरवले जातात. असाच एक महोत्सव
पुणे महानगरपालिकेने २७-२-२०१३ला आयोजित केला होता.
स्मारक
महाराष्ट्रात अण्णा भाऊ साठे यांच्या नावाने अनेक संस्था आहेत. त्यांच्या नावाने
साहित्य संमेलने
होतात. त्यांची अनेक स्मारके आहेत. त्यांच्या नावाने अनेक पुरस्कार दिले
जातात. असे असले तरी तरी त्यांच्या स्मरणार्थ पुण्यातील बिबवेवाडी येथे
बांधले जात असलेले नाट्यगृह गेल्या आठ वर्षांत १९कोटी खर्चूनही आजतागायत
(डिसेंबर २०१२) अपूर्ण आहे.
अधिक वाचन
- लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे निवडक वाङ्मय - महाराष्ट्र राज्य साहित्य आणि संस्कृती मंडळ
- अण्णा भाऊ साठे (लोकवाङ्मय) - लेखक बाबुराव गुरव, प्रकाशक: लोकवाङ्मय गृह प्रा. लि.
- अण्णा भाऊ साठे यांचे पोवाडे व लावण्या : प्रकाशक : लोकवाङ्मय गृह
- पुणे विद्यापीठाची क्रांतिदूत नावाची स्मरणिका(श्रीमती विमल ढलपे), २४-२५ फेब्रुवारी २००७ या दिवशी भरलेल्या ८व्या राष्ट्रीय बंधुता साहित्य संमेलनात प्रसिद्ध झाली होती. तिच्यातील ३१-३६ या पानांवर "क्रांतीचे गीत गाणारे लेखक : अण्णा भाऊ साठे" हा शोधनिबंध होता.
- तोच शोधनिबंध ’बोधिसत्त्व वंदना’ साप्ताहिकाच्या साहित्यरत्न
विशेषांकात (संपादक : अरुण दशरथ दळवी) ऑगस्ट २००७मध्ये पुनर्मुद्रित झाला
होता.
- हाच लेख पुणे विद्यापीठाच्या लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे अध्यासनाच्या
वतीने काढलेल्या ’लोकशाही अण्णा भाऊ साठे गौरवांकात’ ३१ जुलै २००७ रोजी
प्रकाशित केला गेला. हा अंक अध्यासनाचे अध्यक्ष प्रा. रामनाथ चव्हाण यांनी
संपादित केला होता.
- ’अण्णा भाऊ साठे यात्रा’ या नावाचा, अण्णा भाऊ साठे यांच्या रशियाच्या
प्रवासावर आधारलेला लेख ’प्रजा साहित्त’ नावाच्या तेलुगू नियतकालिकात ऑगस्ट
२०१०मध्ये प्रकाशित झाला होता. नियतकालिकाचे संपादक : डॉ.दिविकुमार.
- मे २०१० या महिन्यात कोल्हापूर श्रमिक प्रतिष्ठानने ’अण्णा भाऊ साठे
साहित्य समीक्षा’ हा ग्रंथ प्रसिद्ध केला होता. त्या ग्रंथात ’अण्णाभाऊंची
वगनाट्ये’ हा लेख पान १०४-१११ या पानांवर आला आहे. ग्रंथाचे संपादक :
प्रा. रणधीर शिंदे.
- कपिल मीडिया प्रकाशनने ३० ऑगस्ट २०१०रोजी ’लोकशाहीर साहित्यसम्राट
अण्णा भाऊ साठे गौरव अंक’ प्रकाशित केला होता. त्यात ’अण्णा भाऊंचा
जातिअंताचा लढा’ हा लेख आला होता.
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