Thursday 28 November 2013

सत्य के मार्ग से होते हुए अहिंसा पर चलने का पाठ पढ़ाते हैं भारत के ये बौद्ध मठ

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Published: Wednesday, November 27, 2013, 18:17 [IST]
दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म बुद्धिज़्म या बौद्ध धर्म, भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और दर्शन है। अगर ऐतिहासिक साक्ष्यों की माने तो इस धर्म की जड़ें 483 ईसा पूर्व से 563 ईसा पूर्व के मध्य मिलती हैं। इतिहासकारों के लिए इस धर्म की शुरुआत हमेशा से ही कौतुहल का विषय रही है। अगर हम बौद्ध धर्म की बात कर रहें हैं तो जो सबसे पहली चीज हमें इस विशेष धर्म के प्रति आकर्षित करती है वो है गौतम बुद्ध और फिर इस विशेष धर्म का प्रचार करने वाले सम्राट अशोक। सम्राट अशोक के शासनकाल को गौर से देखने पर पता चलता है कि कलिंग के युद्ध के पहले और उसके बाद सम्राट अशोक के दो रूप इतिहास में देखने को मिलते हैं।
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कलिंग के युद्ध के बाद ही राजा ने हिंसा का त्याग किया और बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए उन्होंने अपनी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। बहरहाल ये कहना अतिश्योक्ति न होगी कि अपने शुरूआती दौर से लेके आज तक बौद्ध धर्म ने कई अहम उतार चढ़ावों को देखा है। चाहे खुद भगवान गौतम बुद्ध का दौर रहा हो या उसके बाद का समय हमेशा ही बौद्ध धर्म लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता चला आया है। बात अगर वर्त्तमान दौर की करें तो आज भी भारत के अलावा दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो महात्मा बुद्ध के बताये रास्ते पर चल रहे हैं।
जहां एक तरफ भारत बौद्ध धर्म की जन्म भूमि है तो वहीं दूसरी ओर अपने आदर्शों के कारण आज बड़ी ही तेजी के साथ बौद्ध धर्म दूसरे देशों में भी फल फूल रहा है और लोग इसके सिद्धांतों पर चलते हुए इसे अपना रहे हैं। ये बौद्ध धर्म की बातें ही हैं कि आज भले ही भारत में भी भारतीय युवा इस धर्म को न माने लेकिन काफी हद तक वो इस धर्म के सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं।
कुल मिला के ये कहा जा सकता है की आज धर्मों की विविधता के चलते भारत पूरे विश्व में खासा लोकप्रिय है। जैसा की हमने कहा बौद्ध धर्म ने हमेशा से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया है और यही कारण है की आप पूरी दुनिया के अलावा भारत में भी उत्तर से लेके दक्षिण तक बौद्ध धर्म से जुड़े कई सारे मठ देख सकते हैं। तो आइये जाने भारत में पड़ने वाले रंग बिरंगे प्रमुख बौद्ध मठों के बारे में।
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