Friday, 20 September 2013

Kuch preranadayak sher

कुछ प्रेरणादायक शेर .............



                                                    कुछ प्रेरणादायक शेर .............

दोस्तों ,
जंगल के दावानल के लिए सिर्फ इक चिंगारी ही जरुरी होती है ,उसी तरह हमारी प्रतिभा और शक्ति के प्रस्फुटन के लिए भी   सिर्फ कोई इक विचार ,लेख,वाक्य ,मंत्र,या किसी की कही कोई बात ही काफी होती है जो हमारे जीवन को u-turn दे देती है ,है ना ?
दोस्तों येही सोच कर मै कुछ अपने और कुछ संकलित शेर (आभार सहित) आप सब की नजर कर रहा हूँ ..... 

  •           इक पत्थर की भी तक़दीर संवर सकती है, 
                    शर्त ये है,की सलीके से तराशा जाए !

  •          आइना बनने से बेहतर है की पत्थर बनो,
                   जब तराशे जाओगे ,तो देवता कहलाओगे 

  •          आदमी वो नहीं ,हालात बदल दे जिनको,
                   आदमी वो है,जो हालात बदल देते हैं!

  •          काम आओ दुसरो के ,मदद गैर की करो,
                  ये कर सको अगर तो इबादत है जिंदगी!

  •         हम तो दरिया हैं ,कोई राह बना ही लेंगे,
                 आप पत्थर हो ,बता दो किधर जाओगे?

  •        वही है जिन्दा ,जिसकी आस जिन्दा है,
                 वही है जिन्दा ,जिसकी प्यास जिन्दा है,
                 श्वास लेने का नाम ही जिंदगी नहीं,
                 जिन्दा वही है ,जिसका 'विश्वास'जिन्दा है!


  •       हो के मायूस ना यो शाम से ढलते रहिये,
                जिंदगी और है ,सूरज से निकलते रहिये,
                 एक ही पाँव पे ठेरोगे तो थक जाओगे ,
                 धीरे धीरे ही सही पर,चलते rahiye!


  •      दोस्ती का भी है ,मोसम से ताल्लुक कितना ,
               रुत बदलती है ,तो कुछ लोग बदल जाते हैं!


  •      में तो अकेला ही चला था ,जानिबे मंजिल मगर ,
               लोग साथ आते गए ,और कारवा बनता गया !


  •       अहसास मर ना जाए ,तो इंसान के लिए ,
                काफी है इक राह की ,ठोकर लगी हुई !


  •       खूबियाँ भी उसमे कुछ होंगी जरूर,
               क्यों किसी के एब ही देखा करूँ ?


  •      सोच कर कोई ताल्लुक तोडना ,
               टूट कर पत्ते ,हरे होते नहीं,


  •      है जान के साथ काम इंसान के लिए,
               बनती नहीं है जिंदगी में बे काम किये ,
               जीते हो तो कुछ कीजिये ,जिन्दो की तरह.
               मुर्दों की तरह जिए ,तो क्या ख़ाक जिए!


  •       ना सोचो अकेली किरण क्या करेगी ,
                तिमिर में अकेली ,किरण ही बहुत है! है ना 
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reader

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