Friday, 20 September 2013

What is your lifes target

क्या है आपके जीवन का लक्ष्य ?




                                       क्या है आपके जीवन का लक्ष्य ?


दोस्तों,जब से हमे जिंदगी मे समझ आती है,   तब से हम ये बातें अपने बड़ों से या आसपास के लोगों से अक्सर सुनते रहते हैं,  "जिंदगी का कुछ लक्ष्य बनाओगे या ऐसे ही जिंदगी गुजार दोगे?    जब देखो जब,   दिन भर  समय बर्बाद करते रहते हो   लगता है तुम्हारी जिंदगी का कोई लक्ष्य ही नहीं है?

दोस्तों,  उस परमशक्ति ने हमे इस संसार मे भेजा है तो किसी मकसद से ,  किसी लक्ष्य को पाने के लिए !   हम इस धरती पर केवल  घूमने-फिरने ,खाने -पीने या  सिर्फ बच्चे पैदा करने के लिए ही नहीं आये हैं !  जरा सोचिये असंख्य योनियों मे से उस परमात्मा ने हमे ही इस सुर दुर्लभ मानव जीवन के लिए क्यों चुना है?   हमे ये  मनुष्य जन्म मिला है  कुछ हासिल करने के लिए , जिंदगी का लक्ष्य पाने के लिए!

जीवन का लक्ष्य आखिर है क्या ?   इस एक सवाल के असंख्य जवाव हैं  और बहुत गूढ़ और गहरे जवाव भी हैं !   जिनके बारे मे चर्चा हम आगे किसी लेख मे करेंगे !
जीवन के लक्ष्य अधिकतर 2 तरह के होते हैं--
1 .भोतिक लक्ष्य (physical goals )--  गाडी,बंगला,IAS या बड़ा आदमी बनना ,femous होना rich होना ,खूब नाम कमाना वगेरह 
2 .आध्यात्मिक लक्ष्य (spiritual goals )--  मै क्या हूँ? मेरा अस्तित्व क्यों है ?  ,अपने आप को अपनी आत्मा को जानना     इस संसार के उथल पुथल से दूर अपने आत्मतत्व को जानना ,  उस परम सत्ता को जानना ,जिससे सारी universe और हम बने हैं!
यदि हम भोतिक रूप से इस जीवन के लक्ष्यों की बात करें तो जिंदगी मे मोटे तोर पर 2 तरह के लक्ष्य होते हैं --
1 . मुख्य लक्ष्य (major aim )-वो लक्ष्य जो आपकी जिंदगी की दिशा  को निर्धारित करते हैं ,  या यो कहें की जो आप जिंदगी मे बनना या पाना चाहते हैं! 
2 . गौण लक्ष्य (minor aim )--वे लक्ष्य जो मुख्य लक्ष्य को पाने के सफ़र मे सहायक होते हैं,  जिन्हें achive कर आप अपने मुख्य लक्ष्य तक पहुँच जाते हैं!
for example   delhi से mumbai तक चलने  वाली ट्रेन का मुख्य लक्ष्य तो मुंबई ही है   पर रास्ते मे आने वाले मथुरा,भरतपुर,कोटा अहमदाबाद इसके  गौण लक्ष्य हैं ,  जिनको पाए बिना ट्रेन अपने destination तक नहीं पहुँच सकती !  है ना?
मान लीजिये बचपन मे   आपने अपना major goal deside किया था की   आपको बड़ा होकर एक femous ,successful doctor बनना है !इसके लिए आप अब जो छोटे या secondery लक्ष्य निर्धारित करेंगे वो ऐसे होने चाहियें  जो आपके मुख्य लक्ष्य को पाने मे मददगार हों !      जैसे -science मे intrest लेना ,medical releted programme देखना ,optional subject science लेना,PMT की तैयारी करना ,medical college मे पढ़ना ,MBBS की degree लेना !
ये सब गौण लक्ष्य मिल कर फिर आपके main लक्ष्य  (be a femous doctor)  को पाने मे मददगार होंगे !

अगर fit,young and atrective body पाना आपका main goal है तो आपके minor goal होने चाहियें --
  • सुबह जल्दी उठाना
  • regular exercise ,yoga ,प्राणायाम करना 
  • nutritional food लेना 
  • active रहना 
  • आलस ना करना 
  • workout करना etc.
minor goals को आप minor नहीं मान सकते   ये अपने आप मे main  goal जितने ही important होते हैं !
हम सब अपनी जिंदगी मे कुछ ख़ास बनना चाहते हैं ,कुछ बड़ा लक्ष्य पाना चाहते हैं ,पर इस लक्ष्य निर्धारण मे हम कुछ जल्दीबाजी और कुछ गलतियाँ कर जाते हैं ,  जिससे चाह कर भी हम हमारे लक्ष्य तक पूर्ण रूप से नहीं पहुँच पाते !

मुगलों के विरुद्ध युद्ध से थके और भूखे वीर शिवाजी एक बार जंगल मे एक  बुढिया   की झोपडी मे गए और खाने पीने की याचना करने लगे !  बुढिया   ने प्रेम पूर्वक खिचड़ी बनाई और पत्तल पर परोस दी ! शिवाजी बहुत भूखे थे ,  इसीलिए खाने की जल्दी मे अपनी उँगलियाँ जला बेठे ! बुढिया   ने देखा और बोली,"सिपाही तेरी शक्ल शिवाजी जैसे लगती है   और जो गलती शिवाजी करता है वही गलती तू भी कर रहा है !
शिवाजी ने पुछा ,  मै और शिवाजी क्या गलती कर रहे हैं ?
बुढिया  ने कहा .'तुने किनारे किनारे की ठंडी होती हुई खिचड़ी खाने की अपेक्षा गरम खिचड़ी के बीचो बीच के हिस्से को पहले खाना चाहा और अपनी उंगलिया जला लीं ,  यही बेअक्ली शिवाजी भी करता है वो दूर किनारे पर बसे हुए छोटे किलो को जीत कर अपनी शक्ति बढ़ाने की अपेक्षा सीधे बड़े किलों पर धावा बोलता है और मात खाता है !
शिवाजी को अपनी रणनीति की विफलता का कारण पता चल गया !  उन्होंने बुढिया   की सीख मानी,  और पहले छोटे छोटे लक्ष्य बनाये और उन्हें हासिल किया !   छोटी छोटी सफलता पाने से उनकी शक्ति बड़ी और अंतत बड़ी विजय पाने मे वो सफल हुए !
इसलिए दोस्तों जीवन मे एक बड़ा लक्ष्य बनाइये  फिर उसे छोटे छोटे लक्ष्यों मे बाँट लीजिये !  फिर जुट जाइए अपने लक्ष्य की प्राप्ति मे !
एक बड़े तरबूज को आप एक बार मे नहीं खा सकते   लेकिन उस के छोटे छोटे टुकड़े कर आप उस तरबूज को आसानी से खा सकते हैं ,है ना?

अगले आर्टिकल कैसे हासिल करें अपने जीवन का लक्ष्य मे हम देखेंगे वो तरीके जिनको अपना कर हम अपने लक्ष्य को पा सकते हैं ,वो कमजोरियां जो हमे हमारे लक्ष्य प्राप्ति मे रूकावट हैं उन्हें कैसे दूर कर सकते हैं !
Thanks..
n a reader

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